शुक्रवार की शाम निगाह के साथ
अपने शुक्रवार को क्वीअर बनाये निगाह के साथ | आयें, बैठें और चर्चा करें लिंग और यौनिकता पर |
बापस आ गई है शुक्रवार की शाम निगाह के साथ! आइये शामिल होयें हर महीने के दुसरे शुक्रवार को, जहाँ हम चर्चा करते हैं सब कुछ और कुछ भी जो क्वीअर हो के बारे में | तो मज़ा करें ना ख़तम होने वाली गपशप और फिल्मों के साथ, मिलें पुराने दोस्तों से और बनाएं कई और नए |
इस चिलचिलाते पर मधोश कर देने वाली गर्मी के मौसम मैं शुक्रवार को हमारे पास हे एक लघु फिल्मों का मिला-झुला सुहावना नज़राना, जिसमे शामिल हैं: लौन्द्रोमेट से एक यादगार मुलाकात, पब्लिक रेलेशुन्स से कुछ मनचली शरारतें, अमेन से गरमा-गरम मिलन, और द ओल्ड वोमेन्स प्रोजेक्ट से कठिन, संघर्ष-भरे अनुभव -- और भी बहुत कुछ | आओ भी यारों!
१० जून | शाम ४ से ९ बजे तक | फिल्म शाम ६ बजे
योडाकिन, २ हौज़ खज़ गाँव, नई दिल्ली
निगाह में सब अपनी तरफ़ से पूरी कोशिश करते हैं की हमारे कार्यक्रमों विभिन्न पहेचानों और अभिव्यस्तों के साथ सभी क्वीअर लोगों के लिए सुरक्षित हों | हालांकि योडाकिन पर, इस महीने का कार्यक्रम एक गोपनीये कार्यक्रम नहीं होगा | कार्यक्रम शुरू होने के बाद भी स्थान और दुकान अन्य लोगों के लिए भी खुला रहेगा | लेकिन योडाकिन और निगाह कुछ सुरक्षित नियमों का पालन करेंगे: फोटोग्राफी निषेद, मीडिया निषेद, होमोफोबिक और ट्रांस्फोबिक व्यावहार निषेद का पालन करने वालों का स्वागत है |
निगाह एक क्वीअर काल्लेक्टिव है, जो लिंग और यौनिकता के मुददों पर काम करता है | समलैंगिक पुरुष (गे), समलैंगिक स्त्री (लेस्बियन), द्विलैंगिक लोग (बिसेक्सुँल) और हिजड़ा, कोथी, किन्नर और ट्रांस्गेंदर के अलावा हम मानते हैं की क्वीअर कोई भी पहेचन, राज्नीति या प्रक्रिया है जो की प्रमुख मानदंडो को चुनौती देती है | हम दिल्ली में स्थापित हैं और मीडिया प्रसिछन्न और वार्तालाब के माध्यम सेसमवेती और सुरक्षित क्वीअर स्थान बनाने की कोशिश कर रहे हैं |
अपने शुक्रवार को क्वीअर बनाये निगाह के साथ | आयें, बैठें और चर्चा करें लिंग और यौनिकता पर |
बापस आ गई है शुक्रवार की शाम निगाह के साथ! आइये शामिल होयें हर महीने के दुसरे शुक्रवार को, जहाँ हम चर्चा करते हैं सब कुछ और कुछ भी जो क्वीअर हो के बारे में | तो मज़ा करें ना ख़तम होने वाली गपशप और फिल्मों के साथ, मिलें पुराने दोस्तों से और बनाएं कई और नए |
इस चिलचिलाते पर मधोश कर देने वाली गर्मी के मौसम मैं शुक्रवार को हमारे पास हे एक लघु फिल्मों का मिला-झुला सुहावना नज़राना, जिसमे शामिल हैं: लौन्द्रोमेट से एक यादगार मुलाकात, पब्लिक रेलेशुन्स से कुछ मनचली शरारतें, अमेन से गरमा-गरम मिलन, और द ओल्ड वोमेन्स प्रोजेक्ट से कठिन, संघर्ष-भरे अनुभव -- और भी बहुत कुछ | आओ भी यारों!
१० जून | शाम ४ से ९ बजे तक | फिल्म शाम ६ बजे
योडाकिन, २ हौज़ खज़ गाँव, नई दिल्ली
निगाह में सब अपनी तरफ़ से पूरी कोशिश करते हैं की हमारे कार्यक्रमों विभिन्न पहेचानों और अभिव्यस्तों के साथ सभी क्वीअर लोगों के लिए सुरक्षित हों | हालांकि योडाकिन पर, इस महीने का कार्यक्रम एक गोपनीये कार्यक्रम नहीं होगा | कार्यक्रम शुरू होने के बाद भी स्थान और दुकान अन्य लोगों के लिए भी खुला रहेगा | लेकिन योडाकिन और निगाह कुछ सुरक्षित नियमों का पालन करेंगे: फोटोग्राफी निषेद, मीडिया निषेद, होमोफोबिक और ट्रांस्फोबिक व्यावहार निषेद का पालन करने वालों का स्वागत है |
निगाह एक क्वीअर काल्लेक्टिव है, जो लिंग और यौनिकता के मुददों पर काम करता है | समलैंगिक पुरुष (गे), समलैंगिक स्त्री (लेस्बियन), द्विलैंगिक लोग (बिसेक्सुँल) और हिजड़ा, कोथी, किन्नर और ट्रांस्गेंदर के अलावा हम मानते हैं की क्वीअर कोई भी पहेचन, राज्नीति या प्रक्रिया है जो की प्रमुख मानदंडो को चुनौती देती है | हम दिल्ली में स्थापित हैं और मीडिया प्रसिछन्न और वार्तालाब के माध्यम सेसमवेती और सुरक्षित क्वीअर स्थान बनाने की कोशिश कर रहे हैं |